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उसी तरह से हर इक ज़ख़्म ख़ुशनुमा देखे / परवीन शाकिर
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06:46, 16 जून 2010
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|रचनाकार=परवीन शाकिर
|संग्रह=
सदबर्ग
रहमतों की बारिश / परवीन शाकिर;खुली आँखों में सपना
/ परवीन शाकिर
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उसी तरह से हर इक ज़ख़्म खुशनुमा देखे
अनिल जनविजय
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