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ज़मीं पर तो आइए / विजय वाते
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|संग्रह= दो मिसरे / विजय वाते
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छत से आप ज़मीं पर तो आइए|<br>
फिर ज़िंदगी की धर ज़रा आज़माइए|<br><br>
द्विजेन्द्र द्विज
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