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तो ग़ज़ल होती है / विजय वाते
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|संग्रह= दो मिसरे / विजय वाते
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दर्द में उम्र बसर हो तो ग़ज़ल होती है|<br>
या तेरा साथ अगर हो तो ग़ज़ल होती है|<br><br>
द्विजेन्द्र द्विज
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