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चौपाल

4 bytes added, 00:35, 20 अक्टूबर 2007
मेरे जीवन की जागृति
 
देखो फिर भूल न जाना
 
जब 'वे' सपना बन आवें
 
तुम चिरनिद्रा बन जाना!
 
- महादेवी (नीहार)
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