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खार-ओ-खस तो उठें, रास्ता तो चले / कैफ़ी आज़मी
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|रचनाकार=कैफ़ी आज़मी
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खार-ओ-खस तो उठें, रास्ता तो चले<br>
मैं अगर थक गया, काफ़ला तो चले<br><br>
Pratishtha
KKSahayogi,
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