683 bytes added,
05:11, 23 जून 2010 {{KKGlobal
{{KKRachna
। रचनाकार=रमेश कौशिक
}}
<poem>ग्रामोफोन रिकार्ड<br /><br />अगर किसी के सुई चुभती<br />वह दु:ख से रोने लगता है<br />पर रिकार्ड सुई चुभने पर<br />मधुर गीत गाने लगता है।<br /><br />ऐसे विरले ही होते हैं<br />जो दु:ख में भी गा लेते हैं<br />जो दु:ख में भी गा लेते हैं<br />उनको प्यार सभी करते हैं।
</poem>