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07:22, 23 जून 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रमेश कौशिक
|संग्रह=हास्य नहीं, व्यंग्य / रमेश कौशिक
}}
<poem>'''मैं हूँ'''<br /><br />जो कुछ भी मैं देख रहा हूँ<br />यह सब तब तक<br />जब तक मैं हूँ<br /><br />ईश्वर भी है तब तक<br />जब तक मैं हूँ।