Changes

मृत्यु / रमेश कौशिक

248 bytes added, 05:55, 24 जून 2010
}}
<poem>
'''मृत्यु'''<br />
एक
क्षण विशेष के लिए
जिन्दगी भर मैं जागा
लेकिन
जब वह आया
तब मैंने अपने को
सोता पाया।
171
edits