Changes

मकान / रमेश कौशिक

772 bytes added, 12:48, 24 जून 2010
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रमेश कौशिक |संग्रह=चाहते तो... / रमेश कौशिक }} <poem> '''म…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रमेश कौशिक
|संग्रह=चाहते तो... / रमेश कौशिक
}}

<poem>

'''मकान'''

नहीं नहीं
मुझे नहीं रहना है
किसी भी मकान में
चाहे वह लाल पत्थर का हो
या पीली ईंटों का

कर्ण के कवच की तरह
मेरी पीठ पर लदा है
एक जन्मजात नीला तम्बू
जो मेरे लिए काफ़ी है
हर बियाबान में

नहीं नहीं
मुझे नहीं रहना है
किसी भी मकान में
</poem>
171
edits