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शोख-सनकी सैलानी / मनोज श्रीवास्तव
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08:31, 25 जून 2010
पत्थरों पर इतिहास पढने वाले
धुल
धूल
में पुराण सूंघने वाले
विदेशियों में अपने पुरखे देखने वाले
पुरातात्त्विक धूप सेंकते--
ये शोख शूरवीर सैलानी
बाज नहीं आएंगे अपने अनुभव पकाने से.
Dr. Manoj Srivastav
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