मैं सुमित जी की बातों से सहमत हूँ। कविता और कविता-संग्रह का जो मानक सुमित जी ने सोचा है, वह तरीका मुझे पसन्द आया। हिन्दी इन्टरफ़ेस के बारे में सुमित जी से यह कहना है कि वर्तनी और भाषा की ये ग़लतियाँ हमारी नहीं बल्कि विकि की हैं। ये संदेश विकि से आते हैं और जिसने भी उन्हें वहाँ लिखा है, उसने भाषा, अनुवाद और वर्तनी की ग़लतियाँ की हैं। हमने उन्हें सुझाव दिया था कि हम इन्हें ठीक कर देते हैं, लेकिन उन्होंने हमारी बात का कोई उत्तर नहीं दिया।
[[सदस्य:अनिल जनविजय]] २०:२०, ३० जून २००८ (UTC)pratishtha
==वर्तनी-सुधार==