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कृपया ठुँग न मारें -1 / नवनीत शर्मा
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09:17, 1 जुलाई 2010
मूँगफली के छाबे पर
उसने लिखा
‘कृपया ठुँग
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ठुँग मारना : पक्षियों द्वारा अपने भक्ष्य को में चोंच मार-मार कर नोंच खाने की क्रिया (पहाड़ी भाषा का शब्द)
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> न मारें’
और आपको लगा
साज़िश के शिकार
द्विजेन्द्र द्विज
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