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नई हवा / कर्णसिंह चौहान

285 bytes added, 15:13, 1 जुलाई 2010
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बहुत हो चुकी बातें नई हवाओं की
आओ चुपचाप इस नदी की धुन सुनें ।
सहमा है जंगल, पहाड़, औ’ काला सागर
स्पार्टा के गाँव से ही कोई मंत्र लें ।
 ''स्पार्टकस : कहते हैं आदिविद्रोही दस स्पार्ट्कस का जन्म बल्गारिया के दक्षिणी नगर संदान्स्की के पास हुआ था।''</poem>
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