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हो नहीं सकती / सांवर दइया

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<poem>दिखती हो बेशक सीधी
सीधी नहीं होती लेकिन सड़क कोई

कदम-कदम पर होते हैं
छोटे-छोटे ही सही
उतार-चढ़ाव
दृश्य-अदृश्य गड्ढ़े
हल्की-सी बांक कोई
रख दी जाती है
या रह भी जाए तो क्या

चलने वाला जानता है
सीधी हो नहीं सकती सड़क कोई
आदमी ने जो बनाया है इसे !
</poem>
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