गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
दर्द की व्याकरण / तारादत्त निर्विरोध
23 bytes added
,
03:52, 3 जुलाई 2010
|संग्रह=
}}
{{KKCatGhazal}}
क्या पढें दर्द की व्याकरण, <br>
जंदगी
ज़िं
दगी
है कटा अवतरण । <br><br>
रूप का, आयु का, साँस का, <br>
आज होता न एकीकरण । <br><br>
द्विजेन्द्र द्विज
Mover, Uploader
4,005
edits