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11:23, 3 जुलाई 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दिनेश कुमार शुक्ल
|संग्रह=ललमुनियॉं की दुनिया
}}
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<poem>
अगर तुमने छू लिया खुद को
कभी एकान्त में
तो हज़ारों साल बाद
भी हमारे रक्त का संगीत आयेगा
उमड़ता ढूँढ़ लेगा तुम्हें
और ले जायेगा
</poem>