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11:35, 3 जुलाई 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दिनेश कुमार शुक्ल
|संग्रह=ललमुनियॉं की दुनिया
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<poem>
गोह के गेह में
पेड़ की खोह में
जाने किस टोह में
नर्वल का चन्द्रमा ।
आंगन की नींद में
तारों की भीड़ में
पंछी के नीड़ में
नर्वल का चन्द्रमा ।
गंगा की रेत में
सरसों के खेत में
मिला सेतमेत में
नर्वल का चन्द्रमा ।
गांव में जवार में
जूड़ी बुखार में
भादों में क्वार में
नर्वल का चन्द्रमा ।
नदी के बहाव में
पत्थर की नाव में
डूबा किस भाव में
नर्वल का चन्द्रमा ।
हरीभरी घास में
छेका अनुप्रास में
और ज़रा पास में
नर्वल का चन्द्रमा ।
</poem>