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06:22, 7 जुलाई 2010 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार= मनोज श्रीवास्तव
|संग्रह=
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<poem>
''' बच्चे बलात्कार करेंगे '''
इक्कीसवीं सदी से उपकृत किशोर
नपुंसक हो जाया करेंगे
और हताश, पर कामातुर बच्चे
छेड़छाड़, व्यभिचार
और बलात्कार करेंगे