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स्यामा जी देखो आवै छे थारो रसियो / भारतेंदु हरिश्चंद्र
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|रचनाकार=भारतेंदु हरिश्चंद्र
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स्यामा जी देखो आवै छे थारो रसियो।
अनिल जनविजय
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