गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
भोर भये जागे गिरिधारी / भारतेंदु हरिश्चंद्र
19 bytes added
,
14:47, 10 जुलाई 2010
|रचनाकार=भारतेंदु हरिश्चंद्र
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
भोर भये जागे गिरिधारी।
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits