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क्या सिर्फ मुसलमानों के प्यारे हैं हुसैन / जोश मलीहाबादी
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04:29, 18 जुलाई 2010
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<poem>
—क्या
क्या
सिर्फ मुसलमानों के प्यारे हैं हुसैन,
चर्खे नौए बशर के तारे हैं हुसैन,
Pratishtha
KKSahayogi,
प्रशासक
,
प्रबंधक
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