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देखो बसन्त आ गया / शास्त्री नित्यगोपाल कटारे
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18:31, 19 जुलाई 2010
इतराती फिरस बबरी
जाती है जहाँ दृष्टि
मनहारी सकल
स्रष्टि
सृष्टि
लास्य दिग्दिगन्त छा गया
देखो बसन्त आ गया ।
अनिल जनविजय
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