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आ ऋतुराज! / ओम पुरोहित ‘कागद’
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20:30, 19 जुलाई 2010
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|रचनाकार=ओम पुरोहित कागद
|संग्रह=धूप क्यों छेड़ती है / ओम पुरोहित कागद
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poem
Poem
>आ ऋतुराज !
पेड़ों की नंगी टहनियां देख,
तू क्यों लाया
अनिल जनविजय
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