गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
पहाड़ बन जाएं / ओम पुरोहित ‘कागद’
230 bytes added
,
20:32, 19 जुलाई 2010
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=ओम पुरोहित कागद
|संग्रह=धूप क्यों छेड़ती है / ओम पुरोहित कागद
}}
{{KKCatKavita}}
<
poem
Poem
>जब भी में सोचता हूं,
तब कई प्रश्न चिन्ह,
साक्षात मेरे चारों ओर
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,705
edits