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अस्तित्व का स्वाद / ओम पुरोहित ‘कागद’
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20:34, 19 जुलाई 2010
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|रचनाकार=ओम पुरोहित कागद
|संग्रह=धूप क्यों छेड़ती है / ओम पुरोहित कागद
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poem
Poem
>प्याज के छिलकों की तरह
जीवन के दिन,
उतरते... उतरते....
अनिल जनविजय
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