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गहरी साजिश / मनोज श्रीवास्तव
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05:45, 20 जुलाई 2010
हमारा अमन-चैन रेत हो गया है,
हम अपने बदन टटोल कर भी
शुष्क अन्तरिक्ष में जीवन की लालसा
में
लिए,
सदियों से गुम अपने होश नहीं ढूंढ पा रहे हैं
जबकि यह तय है कि
इस जमीन पर बचे-खुचे आक्सीजन से
Dr. Manoj Srivastav
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