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तेरे वादे पर जिये हम / ग़ालिब
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,
07:39, 9 अगस्त 2010
तेरे वादे पर जिये हम, तो यह जान, झूठ जाना,<br />
की
कि
ख़ुशी से मर न जाते, अगर एतबार होता ।<br />
Anil Kant
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