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बिजली सी कौंद गयी आँखों के आगे / ग़ालिब
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बिजली सी कौंद गयी आँखों के आगे, तो क्या,<br />
बात करते कि मैं लब-तश्नऐ-तक़री भी था ।<br />
Anil Kant
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