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क्या वो लम्हा ठहर गया होगा.. / श्रद्धा जैन
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15:17, 12 अगस्त 2010
{{KKCatGhazal}}
<poem>
जब
मिटा कर
वो अपने
नगर गया होगा
एक
लम्हा-
लम्हा ठहर गया होगा
है वो हैवान, आईने में मगर
Shrddha
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