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|रचनाकार=तुलसीदास
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{{KKPageNavigation|पीछे=बाल काण्ड / भाग ५ / रामचरितमानस / तुलसीदास|आगे=बाल काण्ड / भाग ७ / रामचरितमानस / तुलसीदास|सारणी=रामचरितमानस / तुलसीदास}}
चौ०-भूप सहस दस एकहि बारा। लगे उठावन टरइ न टारा॥
<br>डगइ न संभु सरासन कैसें। कामी बचन सती मनु जैसें॥१॥