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अपनी हिंदी / मुकेश मानस

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सबसे मीठी, सबसे प्यारी
अपनी हिंदी, हिंदी भाषा

हिंदी है वो प्यारी पुस्तक
बार-बार जो खोली जाये
हिंदी है वो प्यारी कविता
बार-बार जो बोली जाये

हिंदी है वो प्यारा खेल
जो बच्चों के मन भा जाये
हिंदी है वो प्यारी शिक्षा
जो आपस में प्यार बढ़ाये

हिंदी है प्यारा विद्यालय
हमको जीवन रीत बताये
हिंदी अपनी प्यारी टीचर
नई-नई बातें सिखलाये

इसको रटना नहीं पड़े
खेल-खेल में आ जाती है
हिंदुस्तान के हर बच्चे को
बचपन सी मिल जाती है
14 सितम्बर,2004, अपूर्वा के लिये
<poem>
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