716 bytes added,
14:13, 22 अगस्त 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=मुकेश मानस
|संग्रह=काग़ज़ एक पेड़ है / मुकेश मानस
}}
{{KKCatKavita
}}
<poem>
आओ आओ सारे आओ
चेहरे पर चेहरा चिपकाओ
जनता के आगे झुक जाओ
आओ चोरो बटमारो
आओ झूठो मक्कारो
जनता का ये हक है यारो
जनता चुन चुनकर भेजेगी
चोरों की सरकार बनेगी
बनती रही है, बनती रहेगी
1994, पुरानी नोटबुक से
<poem>