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13:43, 23 अगस्त 2010 ऐसी भोले की रे चढ़ी है बरात शोर भयौ नगरी में भारी(इसे 3 बार दोहराना है)
चढ़ी बरात लई आगौनी, नर-नारी सब देखन आए
मैया ऐसी री चढ़ी है बरात कै वामै आयौ लटधारी॥
ऐसी भोले की रे चढ़ी है बरात शोर भयौ नगरी में भारी(इसे 3 बार दोहराना है)
बालक-बच्चे करैं चवौआ
भाग चलौ ह्याँ आयौ हौआ
मैया ऐसी री चढ़ी है बरात कै वामै आयौ लटधारी।
ऐसी भोले की रे चढ़ी है बरात शोर भयौ नगरी में भारी(इसे 3 बार दोहराना है)
सोच समझकै दियौ जनमासौ
बारौठी कौ करौ तमासौ
चौमुख दिवला बाल सजा लई कंचन की थारी(इसे 2 बार दोहराना है)
मैया ऐसी री चढ़ी है बरात कै वामै आयौ लटधारी।
ऐसी भोले की रे चढ़ी है बरात शोर भयौ नगरी में भारी(इसे 3 बार दोहराना है)
करन आरता मैना आई
रूप देखकै वो घबराई
मैया खड़े सेई खाइयै पछार छूट गई कंचन की थारी(इसे 2 बार दोहराना है)
मैया ऐसी री चढ़ी है बरात कै वामै आयौ लटधारी।
ऐसी भोले की रे चढ़ी है बरात शोर भयौ नगरी में भारी(इसे 3 बार दोहराना है)
आठ माघ नौ कातिक न्हाई
दस बैसाख अलूनौ खाई
बहना फूटे री या गौरा के भाग कै वर मिलौ लटधारी(इसे 2 बार दोहराना है)
मैया ऐसी री चढ़ी है बरात कै वामै आयौ लटधारी।
ऐसी भोले की रे चढ़ी है बरात शोर भयौ नगरी में भारी(इसे 3 बार दोहराना है)
हाथ जोड़ गौरा है गई ठाड़ी
भेस बदल लो हे तिपुरारी
मेरी घबरा रई महतार कै वर मिलौ लटधारी(इसे 2 बार दोहराना है)
मैया ऐसी री चढ़ी है बरात कै वामै आयौ लटधारी।
ऐसी भोले की रे चढ़ी है बरात शोर भयौ नगरी में भारी(इसे 3 बार दोहराना है)
बदलूँ भेस करूँ ना देरी
तेरी माँ अब माँ है मेरी
मत ना घबरावै महतार कै वर मिलौ लटधारी(इसे 2 बार दोहराना है)
मैया ऐसी री चढ़ी है बरात कै वामै आयौ लटधारी।
ऐसी भोले की रे चढ़ी है बरात शोर भयौ नगरी में भारी(इसे 3 बार दोहराना है)
जब भोले नै रूप सँवारौ
माई-बाप कौ मन हरषायौ
मैया सुखी री भयौ है संसार पड़न लगीं बुँदियाँ अति भारी(इसे 2 बार दोहराना है)
मैया ऐसी री चढ़ी है बरात कै वामै आयौ लटधारी।
ऐसी भोले की रे चढ़ी है बरात शोर भयौ नगरी में भारी(इसे 3 बार दोहराना है)