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एक लहर फैली अनन्त की / त्रिलोचन
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{{KKRachna
|रचनाकार=त्रिलोचन
}}
सीधी है भाषा बसन्त की
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('ताप के ताये हुए दिन' नामक संग्रह से )
''
Lalit Kumar
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