Changes

New page: पहले पहल तुम्हें जब मैंने देखा सोचा था इससे पहले ही सबसे पहले क्यों न त...
पहले पहल तुम्हें जब मैंने देखा

सोचा था

इससे पहले ही

सबसे पहले

क्यों न तुम्हीं को देखा


अब तक

दृष्टि खोजती क्या थी

कौन रूप क्या रंग

देखने को उड़ती थी

ज्योति पंख पर

तुम्हीं बताओ

मेरे सुन्दर

अहे चराचर सुन्दरता की सीमा रेखा


("तुम्हें सौंपता हूं " नामक संग्रह से )
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,435
edits