मिरे दिमाग में लेकिन सवाल उठते हैं
क्यूँ हक बयानी<ref>सच बोलना</ref> का सूली है आज भी ईनाम ?
क्यूँ लोग अपने घरों से निकालते निकलते डरते हैं ?क्यूँ तोड़ देती हें दम कलियाँ खिलने से पहले ?
क्यूँ पेट ख़ाली के ख़ाली हैं खूँ बहा कर भी ?
क्यूँ मोल मिटटी के अब इंतिकाम बिकता है?