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वह हर एक बात पर कहना कि यों होता तो क्या होता / ग़ालिब
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13:26, 28 अगस्त 2010
न था कुछ तो ख़ुदा था, कुछ न होता तो ख़ुदा होता,<br />
डुबोया मुझको होने ने न मैं होता तो क्या होता !<br />
हुई मुद्दत कि 'ग़ालिब' मर गया
पर याद आता है,<br />
वह
वो
हर
एक
इक
बात पर कहना कि
यों
यूँ
होता तो क्या होता !<br />
Aadil rasheed
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