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हमारी इब्तिदा क्या देखते हो इंतिहा पूछो / रविकांत अनमोल
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10:19, 29 अगस्त 2010
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महब्बत का सिला पूछो, न दुनिया की हवा पूछो
वही बातें पुरानी पूछते हो कुछ नया पूछो
Anmolsaab
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