Changes

{{KKGlobal}}
{{KKRachna}}
|रचनाकार=सर्वत एम जमाल
|संग्रह=
<poem>
फिर कहा उस ने, वजू करना
 मैं ने मैंने पूछा तुम को छू कर ना ! 
दिल तो इक नन्ही सी थैली है
 
इस में इतनी आरजू करना !
 
सख्त मुश्किल था, किया हम ने
 
ख़ुद को यूँ बेआबरू करना
 
चीज़ें ऊंचे दाम बिकती हैं
 
सोचना, फिर जुस्तजू करना करना
 
इन दिनों खामोश रहता हूँ
 
आ गया है गुफ्तगू करना
 
सारी बातें पीठ के पीछे
 चंद बातें रूबरू करना<poem/poem>