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12:06, 7 सितम्बर 2010 {{KKGlobal}}
{{KKAnooditRachna
|रचनाकार=रित्सुको कवाबाता
}}
[[Category:जापानी भाषा]]
<poem>
नन्हा गोल ठीकरा
मेरी निधी
स्कूल के रास्ते की !
केवल एक नन्हा गोल ठीकरा
बिलकुल सही खेलने को पांव-टिक्के का खेल .
एक जोर दार ठोकर से
लुडकता है ,पुडकता है ,ढुलकता है
तेज और,और तेज
नन्हा गोल ठीकरा .
और ज्यादा ठोकरों से
रुक जाता है गली में!
मुझे दीखता है अब स्कूल का गेट
खेल ख़तम !
मेरी जेब में दुबक जाता है
मेरा नन्हा गोल ठीकरा !
'''अनुवादक: [[मंजुला सक्सेना]]'''
</poem>