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11:27, 8 सितम्बर 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=गोबिन्द प्रसाद
|संग्रह=कोई ऐसा शब्द दो / गोबिन्द प्रसाद
}}
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<poem>
नशे की झील में
डूबा हूँ
किसी पत्थर की तरह
ऊपर
आकाश में
उभर आया
एक सूना तारा
मौन;अपनी लय में
प्रवहमान...
<poem>