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11:31, 8 सितम्बर 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=गोबिन्द प्रसाद
|संग्रह=कोई ऐसा शब्द दो / गोबिन्द प्रसाद
}}
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<poem>
वहाँ दूर :
आसमान को छूते हुए
पेड़ जहाँ मिलते हैं
सड़क जो दिखाई दे रही
बहती हुई नदी
की
पतली धार-सी
और यहाँ :
क़रीब हम खड़े हैं
नि:शब्दम्
शब्दों के परस से
स्मृति की ओट में
<poem>