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07:06, 10 सितम्बर 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=गोबिन्द प्रसाद
|संग्रह=कोई ऐसा शब्द दो / गोबिन्द प्रसाद
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<poem>
सब का अपना आकाश अलग
है धरती सब की अलग अलग
अलग अलग सब का स्वर-तार
तिर रहे लेकर सब अपना सार
<poem>