गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
हौंसलों में फ़कत उतार सही / शेरजंग गर्ग
2 bytes removed
,
02:43, 18 सितम्बर 2010
वक़्त की त्योरियाँ भी उतरेंगी
और थोड़ा-सा
इंतज़ार सही
जो नज़ारे नज़र नहीं आते
उन
नज़ा
रों
नज़ारों
की यादगार सही
नाउम्मीदी से लाख बेहतर है
द्विजेन्द्र द्विज
Mover, Uploader
4,005
edits