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मुनिया / पूनम तुषामड़

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गलियों, बस्तियों, रेलवे लाइनों
से गुज़रती
हाथ में मोर का पंख धरती<ref>बच्चें अक्सर स्कूल में अध्यापक की मार से बचने के लिए दुआ मनाते हुए हथेली पर मोर का पंख रखते हैं ।</ref>
मुनिया
स्कूल पहुंचते ही सहम जाती है ।
मुझे चाचा नेहरू याद आते हैं ।
</poem>
 
*बच्चें अक्सर स्कूल में अध्यापक की मार से बचने के लिए दुआ मनाते हुए हथेली पर मोर का पंख रखते हैं ।
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