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साक़िया एक नज़र जाम से पहले-पहले / फ़राज़
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13:55, 25 सितम्बर 2010
सामने उम्र पड़ी है शब-ए-तन्हाई की
वो मुझे छोड़ गया शाम से पहले पहले
कितना अच्छा था कि हम भी जिया करते थे 'फ़राज़'
ग़ैर-मारूफ़ से गुम-नाम से पहले पहले
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Bohra.sankalp
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