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महफिल में बहुत लोग थे मै तन्हा गया था / शहरयार
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15:25, 26 सितम्बर 2010
ये वक्त शबो-रोज* में जब बाँटा गया था
* पीछा करना
<br>
* झरोखा
<br>
* संरक्षण
<br>
* रात-दिन
</poem>
Bohra.sankalp
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