587 bytes added,
10:08, 29 सितम्बर 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=लीलाधर मंडलोई
|संग्रह=लिखे में दुक्ख / लीलाधर मंडलोई
}}
<poem>
कुछ भी हो जाए मेरा देश
भले ही अजायबखाना
कुछ न कहूंगा
खामोश रहने के अलावा
कोई और सुकूनबख्श रास्ता नहीं
यह सच है कि
कि मैंने सबसे खराब रास्ता चुना