Changes

|संग्रह=खोया हुआ सा कुछ / निदा फ़ाज़ली
}}
{{KKCatKavitaKKCatGhazal}}
<poem>
सपना झरना नींद का, जागी आँखें प्यास
बरखा सबको दान दे, जिसकी जितनी प्यास
मोती-सी ये सीप में, माटी में ये घास
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
17,043
edits