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सपना झरना नींद का / निदा फ़ाज़ली
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10:38, 1 अक्टूबर 2010
बरखा सबको दान दे, जिसकी जितनी प्यास
मोती-सी ये सीप में, माटी में ये घास
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Hemendrakumarrai
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